Monday, January 29, 2018

What is Booting Process ?And it's type

What is Booting process ?And it's type

Hello friends आज हम आप के लिए Digital Learning Point के इस Artical में हम आपको बताने वाले है की  कंप्यूटर में Booting process क्या होता है और यह कंप्यूटर में  यह कैसे काम करता है तो चलिए जानते है बूटिंग प्रोसेस क्या है. 

And it's types

कम्प्युटर के ऑन होने पर मॉनीटर स्क्रीन पर डॉस प्रॉम्ट प्रदर्शित होने तक की क्रिया को बूटिंग कहा जाता है । ऑपरेटिंग सिस्टम विन्डोज़ 95 अथवा इसके बाद के संस्करणों में विन्डोज़ के खुलने तक की क्रिया को बूटिंग कहा जाता है ।जब कंप्‍यूटर पोस्‍ट (Post) की प्रकिया कंम्‍पलीट कर लेता है तो बायोस (BIOS) बूूटिंग डिवाइस को सर्च करता हैै, वह हर बूट डिवाइस में बूटिंग फाइल को सर्च करता है, सबसे पहले First Boot Device, फिर Second Boot Device इसके बाद Third Boot Device और अगर इसमें भी बूटिंग फाइल न मिले तो Boot Other Device, बायोस (BIOS) को जिसमें भी पहले बूटिंग फाइल (Booting File) मिल जाती है। वह उसी से कंप्‍यूटर को बूट करा देता है और कंप्यूटर में विंडो की लोडिंग शुरू हो जाती है।
जो लोग सीडी या डीवीडी से विंडोज इंस्‍टॉल करते हैं वह First Boot Device के तौर पर CDROM को सलेक्‍ट करते हैं, लेकिन हर किसी सीडी से बायोस (BIOS) कंप्‍यूटर को बूट नहीं करा सकता है इसके लिये सीडी या डीवीडी का बूटेबल (Bootable CD or DVD) होना जरूरी है, बूटेबल (Bootable) होने का मतलब है कि उसमें बूटिंग फाइल (Booting File) होना चाहिये जिससे बायोस (BIOS) उसे पढ सके। 

अगर आपके कंप्‍यूटर में कोई भी (Bootable Media) नहीं है तो आपको Insert Boot Media Disk का Error दिखाई देगा, Error आपको तब भी दिखाई देे सकता है जब आपको कंप्‍यूटर हार्डडिस्‍क से बूट न ले रहा हो। 

Type of Booting - बूटिंग के प्रकार

कोल्ड बूटिंग :-
जब कम्प्युटर को उसके पावर स्विच को ऑफ करने के बाद पुनः ऑन करके बूट किया जाता है, तो इस प्रकार की बूटिंग को कोल्ड बूटिंग कहा जाता है ।

वार्म बूटिंग:- 
जब कम्प्युटर को उसकी प्रोसेसिंग यूनिट के सामने वाले भाग पर दिए गए रीसेट बटन दबाकर अथवा ‘की-बोर्ड’ पर Ctrl, Alt और Del तीनों ‘कीज़’ को एक साथ दबाकर बूट किया जाता है, तो इस प्रकार की बूटिंग को वॉर्म बूटिंग कहा जाता है । कम्प्यूटर को बूट करने के लिए एम एस-डॉस की तीन फाइल्स-MS_DOS.SYS, IO.SYS एवं COMMAND.COM होनी आवश्यक हैं । इनमें से पहली दो फाइल्स हिडन यानी छुपी हुई फाइल्स होती हैं एवं COMMAND.COM एक सामान्य फाइल होती है । ये फाइल्स, यदि डॉस कम्प्युटर की हार्डडिस्क में स्थापित है, तो हार्डडिस्क में और यदि नहीं है, तो जिस फ्लॉपी से कम्प्युटर को चालू (बूट) किया जा रहा है, अर्थात् बूटेबल फ्लापी डिस्क में होनी चाहिए । 

हम आसा करते हैं कि आप को यह process समझ मे आया होगा comments के thought हमें जरूर बताऐ और इस artical को share जरूर करें